भारत में रूस से छह गुना बढ़ा कोयले का आयात

भारत ने इस साल जून के शुरुआती 20 दिनों में ही रूस से 33.11 करोड़ डॉलर के कोयले का आयात किया है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले छह गुना अधिक है। इसके अलावा भारत कच्चा तेल भी रूस से रिकॉर्ड स्तर पर आयात कर रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक, 20 दिनों में रूस के साथ भारत के तेल व्यापार का मूल्य 31 गुना से अधिक बढ़कर 2.22 अरब डॉलर हो गया। इस अवधि में तेल की खरीद औसतन 111.08 करोड़ डॉलर प्रति दिन थी, जो पिछले तीन महीने में खर्च किए गए 3.11 करोड़ डॉलर से तीन गुना अधिक है।

वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद भारत द्वारा रूस से आयात किए जाने वाले कोयले में तेज उछाल देखने को मिला है। गौरतलब है कि रूस कोयले पर 30 फीसदी तक की छूट दे रहा है। कई देशों द्वारा प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारत ने रूस से कोई व्यापार नहीं रोका है।

भारत ने कहा है कि यूक्रेन में हिंसा खत्म होनी चाहिए। लेकिन रूस से अचानक वस्तुओं की खरीद बंद कर देने से वैश्विक दामों में उथल-पुथल मचेगी और उसके ग्राहकों को नुकसान होगा। अमेरिकी अधिकारियों ने भारत से कहा है कि रूस से ईंधन के आयात पर कोई रोक नहीं है लेकिन इसमें बहुत तेजी भी नहीं आनी चाहिए। वहीं, यूरोपीय कारोबारी ने रूस से व्यापार रोक दिया, इसका फायदा सीधे भारतीय खरीददार उठा रहे हैं। वे ढुलाई लागत के बहुत अधिक होने के बावजूद बड़े स्तर पर कोयला रूस से खरीद रहे हैं।

कोयला और क्रूड तेल का आयात बढ़ा
भारत ने तीन सप्ताह तक औसतन 128.62 रुपये (16.55 मिलियन डॉलर) का रूसी कोयला प्रतिदिन खरीदा है। ये रूस-यूक्रेन युद्ध के 24 फरवरी के बाद तीन महीनों में खरीदे गए 77.1 लाख से दोगुना है। पिछले 20 दिनों की अवधि में तेल की खरीद औसतन 863.70 रुपये (110.86 मिलियन डॉलर) प्रति दिन थी।

कोयले की मांग बढ़ी
भारत में आर्थिक गतिविधियां इस बार लगभग पूरी तरह शुरू होने और गर्मियों में मांग बढ़ने से बिजली उत्पादन कंपनियों पर अधिक बिजली पैदा करने का दबाव पड़ा है। इसी मांग को पूरा करने के लिए कोयले का आयात बढ़ा दिया गया है।

खरीददारी बढ़ने का कारण
रूस से ईंधन खरीददारी में इस तेज वृद्धि के दो बड़े कारण हैं। एक यह कि रूस आकर्षक दाम ऑफर कर रहा है और दूसरा यह कि वहां के कारोबारी रुपये व दिरहम में भी भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। इसके चलते आगे भी रूस से कोयले की खरीद बढ़ने का अनुमान है।