आषाढ़ महीने में इस दिन मनाई जाएगी कालाष्टमी, नोट करें सही डेट, मुहूर्त एवं योग

तंत्र विद्या सीखने वाले साधकों के लिए यह दिन बेहद खास होता है। साधक विशेष कार्य में सिद्धि पाने हेतु कालाष्टमी तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा करते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक के जीवन में व्याप्त सकल दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अत साधक कालाष्टमी पर काल भैरव देव की कठिन भक्ति करते हैं।

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 28 जून को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और 29 जून को दोपहर 02 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। काल भैरव देव की पूजा निशाकाल में होती है। अतः 28 जून को कालाष्टमी मनाई जाएगी। साधक 28 जून को व्रत रख काल भैरव देव की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

पंचांग

सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 23 मिनट पर

चंद्रोदय- देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर

चंद्रास्त- दिन 11 बजकर 46 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक

योग

आषाढ़ माह की कालाष्टमी पर रवि, सौभाग्य और शोभन योग का निर्माण हो रहा है। रवि योग दिन भर है। वहीं, सौभाग्य योग रात 09 बजकर 39 मिनट तक है। इसके बाद शोभन योग का निर्माण होगा। इन योग में महादेव की पूजा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।

शिववास योग

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन देवों के देव महादेव शाम 04 बजकर 27 मिनट से कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। भगवान शिव के कैलाश पर मां गौरी के साथ रहने के दौरान महादेव का अभिषेक करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।