दिल्ली सरकार हवा में किले बना रही हैः केंद्र

Political News / राजनीति समाचार:  दिल्ली सरकार बनाम केंद्र सरकार मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार गलत धारणा बना रही है कि उपराज्यपाल ही सरकार चला रही है, जबकि 1992 से अलग परस्पर विरोधी और अलग विचारधराओं वाली सरकारें रही लेकिन फिर भी सब सौहार्दपूर्ण तरीके से चल रहा था। साॅलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने कहा, पूरा मामला धारणा का है न कि संवैधनिकता का। यह धारणा गलत है कि उप राज्यपाल निर्वाचित सरकार की अवहेलना कर सब कुछ कर रहे हैं। पहले भी कई ऐसे उदाहरण रहे हैं जब केंद्र और दिल्ली में परस्पर विरोधी और अलग-अलग अवचारधराओं वाली सरकारों का शासन रहा है लेकिन यह समस्या कभी नहीं हुई।
मुख्य न्यायाधीश  डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधन पीठ के समक्ष उन्होंने कहाक, 1992 से लेकर अब तक केवल 7 मामलों में ही मतभेद हुआ और उन्हें राष्ट्रपति को भेजा गया। वहीं इस दौरान एलजी के पास कानून के मुताबिक कुल 18000 फाइलें आई, सारी फाइलें क्लियर कर दी गई। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी सरकार कानून को पूरी तरह से छोड़ दिया है। गलत धारणा बनाई जा रही है कि उप राज्यपाल सरकार चला रहे हैं और कोई निर्वाचित निकाय नहीं है। हवा में किले बनाए जा रहे हैं। कोर्ट ने महता से पूछा कि यह तो ठीक है लेकिन क्या दिल्ली सरकार अधिकारीयों की पोस्टिंग स्थानांतरण कर सकती है। सुनवाई कल जारी रहेगी।