सरकारी योजनाओं में निवेश पर भारी घाटा

कर्ज पर जहां ब्याज पिछले पांच महीनों में करीब दो फीसदी तक बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर जमा पर ब्याज एक फीसदी तक ही बढ़ा है। महंगाई दर लगातार सात फीसदी के ऊपर है। लेकिन इस बीच जो सबसे बड़ा झटका लगा है वह छोटी बचत योजनाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। पिछले दो वर्षों में इन पर मिलने वाले ब्याज में जमकर कटौती की गई है। इसमें जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात है वह यह कि वरिष्ठ नागरिकों से लेकर बच्चियों के लिए शुरू की गई योजना सुकन्या समृद्धि पर भी सरकार ने कैंची चला दी है। ऐसे में निवेश के लिए अब यह साधन बहुत आकर्षक नहीं रह गए हैं। खासकर इनकी लंबे समय तक की लॉक इन अवधि निवेशकों के लिए और भी सेटबैक है।

बॉन्ड और एनसीडी पर आकर्षक ब्याज
कई कंपनियों के कॉरपोरेट बॉन्ड पर इस समय नौ फीसदी से ज्यादा ब्याज मिल रहा है। जबकि एनसीडी पर यह 10 फीसदी तक है। इनका लॉक इन अवधि भी अन्य योजनाओं की तुलना में काफी कम है। इस समय कई कंपनियों के एनसीडी भी आए हैं। कुछ एनबीएफसी भी जमा पर आकर्षक ब्याज दे रही हैं। ऐसे में इन साधनों में निवेश के लिए मौका तलाशा जा सकता है।

टाइम डिपॉजिट पर 1.4 फीसदी घटा ब्याज
एक साल के टाइम डिपॉजिट पर वित्तवर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 6.9 फीसदी ब्याज था अब यह 5.5 फीसदी है। इसी दौरान 2 साल के टाइम डिपॉजिट पर ब्याज 6.9 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी, 3 साल के टाइम डिपॉजिट पर 6.9 फीसदी से घटकर 5.8 फीसदी और 5 साल के टाइम डिपॉजिट पर यह 7.7 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी रह गया। यही नहीं, रिकरिंग जमा पर भी इस दौरान ब्याज घट गया। यह 7.2 फीसदी से घटकर 5.8 फीसदी पर आ गया है।

वरिष्ठ नागरिकों को एक फीसदी का घाटा
सरकार की इन योजनाओं में वरिष्ठ नागरिकों को भी घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 5 साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर 8.6 फीसदी ब्याज मिलता था। अब यह घटकर 7.6 फीसदी पर आ गया है। 5 साल की मासिक आय योजना (इनकम स्कीम) पर तब 7.6 फीसदी ब्याज मिलता था। अब यब 6.7 फीसदी हो गया है। 5 साल के राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर तब 7.9 फीसदी ब्याज मिलता था जो अब घटकर 6.8 फीसदी हो गया है।

पीपीएफ निवेशक भी नुकसान में  
इसी तरह पीपीएफ पर यही ब्याज 7.9 फीसदी से घटकर 7.1 फीसदी जबकि किसान विकास पत्र पर यह 7.6 फीसदी से कम होकर 7 फीसदी हो गया है। सुकन्या समृद्धि योजना जिस पर सबसे ज्यादा 8.4 फीसदी ब्याज मिलता था, यह भी अन्य योजनाओं की तरह घाटे वाली हो गई। अब इस पर 7.6 फीसदी ब्याज मिल रहा है। यानी वरिष्ठ नागरिक और सुकन्या समृद्धि योजना दोनों अब बराबर ब्याज वाली हैं। ऐसे में इन योजनाओं में निवेश करने में कोई बुद्धिमानी नहीं है।

 

बैंकों ने कर्ज पर ब्याज जमकर बढ़ाया
अब देखते हैं इसी दौरान बैंकों ने क्या किया। इस साल मई के बाद से हम देखें तो बैंकों ने चार बार अपने कर्ज महंगे किए हैं। करीब सभी बैंकों ने इस दौरान किस्त में 1.90 फीसदी तक का इजाफा तो किया ही है और उम्मीद है कि दिसंबर में भी किस्त महंगी हो जाएगी। इस वजह से आप या तो किस्त की रकम बढ़ाएं या फिर आपको कर्ज की अवधि बढ़ानी होगी। अगर आपने 20 साल का कर्ज लिया होगा तो यह अब 24 साल हो जाएगा।

बॉन्ड के साथ एनसीडी भी आकर्षक
निवेश सलाहकार अर्चना पांडे का कहना है कि इस समय कुछ बैंकों के जमा और बॉन्ड के साथ एनसीडी भी आकर्षक बनती जा रही हैं। कुछ बैंक एफडी पर लघु बचत योजनाओं और वरिष्ठ नागरिकों की योजनाओं से ज्यादा ब्याज दे रहे हैं और लॉक इन अवधि भी कम है। निवेशकों को ऐसे साधनों में निवेश करना चाहिए।