शिंदे सरकार ने आसानी से जीता विश्वास मत

महाराष्ट्र में नवगठित एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने सोमवार को विधानसभा में आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया। दो दिवसीय विशेष सत्र के आखिरी दिन 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार के विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 164 विधायकों ने मत डाले। विरोध में मात्र 99 वोट पड़े। इससे पहले रविवार को सदन में भाजपा के राहुल नार्वेकर को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया था। इसी के साथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने दो अहम चुनौतियों को पार कर लिया।

मतदान के दौरान तीन विधायक तटस्थ रहे, जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण व विजय वाडेट्टीवार समेत 21 विधायक मतदान से अनुपस्थित रहे। विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने बहुमत से विश्वास मत के पारित होने का एलान किया। हाल ही में एक शिवसेना विधायक के निधन के चलते विधानसभा की मौजूदा क्षमता 287 रह गई है। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 144 रह गया था।

सदन में 263 विधायकों ने ही मतदान में हिस्सा लिया। सदन में विश्वास मत के ठीक पहले उद्धव गुट के विधायक संतोष बांगर भी पाला बदलते हुए शिंदे गुट में शामिल हो गए। शिंदे गुट के विधायकों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। वहीं, उद्धव गुट के श्याम सुंदर शिंदे ने विश्वास मत के पक्ष में वोट डाला।

भावुक शिंदे बोले, लंबे वक्त तक ‘दबाया’ गया
विधानसभा में अपने पहले भाषण में भावुक शिंदे ने शिवसेना का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें पार्टी में लंबे समय तक ‘दबाया’ गया। बगावत उनके साथ अनुचित व्यवहार का परिणाम है। एक हादसे में मृत दो बच्चों का जिक्र करते हुए उनका गला भर आया।
फडणवीस ने कहा, सदन में ‘ईडी, ईडी’ के नारे लग रहे थे। यह सही है कि नई सरकार ईडी द्वारा बनाई गई है और इस ईडी का मतलब है एकनाथ व देवेंद्र।

आदित्य को छोड़कर उद्धव गुट के विधायकों की सदस्यता खतरे में
शिंदे गुट ने बहुमत हासिल करने के बाद व्हिप का उल्लंघन करने पर आदित्य ठाकरे को छोड़ उद्धव गुट के अन्य विधायकों के खिलाफ अध्यक्ष नार्वेकर से अयोग्यता कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया है।

पहला फैसला, पेट्रोल-डीजल होगा सस्ता
सीएम शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में वैट दर कम करने का आह्वान किया था। इसे देखते हुए राज्य में जल्द ही पेट्रोल-डीजल पर वैट दर कम किया जाएगा। इससे राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।

शिंदे गुट के सचेतक को मान्यता के खिलाफ 11 को सुप्रीम सुनवाई
महाराष्ट्र विधानसभा के नवनिर्वाचित स्पीकर के एकनाथ शिंदे गुट के नामित सचेतक (व्हिप) को मान्यता देने के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को सुनवाई करेगा।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख करते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस पर तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई। उन्होंने कहा, स्पीकर के पास भरत गोगावाले को शिंदे द्वारा नामित व्हिप के रूप में मान्यता देने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि उद्धव ठाकरे अभी भी शिवसेना राजनीतिक दल के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा, सचेतक (व्हिप) को स्पीकर नहीं बल्कि पार्टी मान्यता देती है।

अजित पवार बने विपक्ष के नेता
मुंबई। एनसीपी विधायक व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार को विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया। वह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की जगह लेंगे। अजित के नाम का प्रस्ताव पार्टी नेता  जयंत पाटिल ने किया था।

संघर्ष करना है तो साथ दो 
उद्धव  शिवसेना में बगावत के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अब संगठन को बचाने में जुट गए हैं। उन्होंने सोमवार को शिवसैनिकों से कहा कि जिन लोगों को संघर्ष करना है, लड़ना है, वही हमारे साथ आएं। शिवसेना खत्म होने वाली नहीं है।

शुभेंदु ने दिए संकेत, अगला नंबर राजस्थान, झारखंड का
महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को संकेत दिए कि अगला नंबर राजस्थान और झारखंड का हो सकता है। उन्होंने पूर्ण विश्वास जताया कि राज्य में अगली सरकार भाजपा की होगी और पार्टी 294 सदस्यीय विधानसभा में 200 से अधिक सीटें जीतेगी।

पूर्वी बर्द्धमान जिले में कटवा में एक रैली में शुभेंदु ने कहा कि आप सभी ने देखा कि महाराष्ट्र में क्या हुआ। यह आखिरी नहीं होगा। इसी तरह की घटना झारखंड में भी होगी, हम जल्द ही सरकार बदलेंगे। राजस्थान में यही हाल होगा।