बाजार के मंदी में फंसने का खतरा

अप्रैल से गिरावट में आया भारतीय शेयर बाजार अब मंदी के चपेट से महज 1,700 अंक दूर है। जानकारों का मानना है कि यह इस महीने के अंत तक मंदी में जा सकता है। किसी भी बाजार को तब मंदी के दौर में माना जाता है, जब उसमें 20 फीसदी गिरावट आए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) उच्चस्तर 62,200 की तुलना में इस समय करीबन 11,000 या 18 फीसदी नीचे कारोबार कर रहा है। ऐसे में इसके 2 फीसदी और गिरने या 50,000 से नीचे जाने पर यह मंदी में फंसकर और नीचे गिर सकता है। एनएसई भी 18 हजार से गिरकर 15,291 पर आ गया है।

अमेरिकी बाजार भी चपेट में
अमेरिका का नैस्डैक मंदी के चपेट में है। यह 20 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। एसएंडपी 500, निफ्टी बैंक, बीएसई मिडकैप भी मंदी की गिरफ्त में फंस चुके हैं। फाइनेंशियल इंडेक्स में बैंक को छोड़ दें तो 380 में से 228 शेयर 20 फीसदी गिर चुके हैं।

 

विदेशी निवेशकों ने 2 लाख करोड़ निकाले
महीना    रकम
जनवरी   33,303
फरवरी   35,592
मार्च       41,123
अप्रैल     17,144
मई          39,993
जून          40,382
(आंकड़े करोड़ रुपये में स्रोत- एनएसडीएल)

सेंसेक्स में छह दिन से जारी गिरावट थमी
यूरोपीय बाजारों में तेजी के बीच घरेलू शेयर बाजारों में पिछले छह दिन से जारी गिरावट सोमवार को थम गई। सेंसेक्स 237.42 अंक चढ़कर 51,597.84 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 56.65 अंकों की बढ़त के साथ 15,350.15 पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी, विप्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक के शेयर लाभ में रहे।

इन प्रमुख स्टॉक में गिरावट
बीएसई में सूचीबद्ध कुल शेयरों में से 88 फीसदी शेयर मंदी के चरण में जा चुके हैं। यानी एक साल के ऊपरी स्तर से इनमे 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है। बाजार के वजन माने जाने वाले शेयर अपने एक साल के स्तर से जमकर टूटे हैं।
टेक महिंद्रा 47%, विप्रो, 43%, टाटा स्टील 41%,  इंडसइंड, इंफोसिस 29% और एचडीएफसी बैंक 27 फीसदी टूट चुका है। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च प्रमुख पुनीत पटनी ने कहा, यह लंबे समय के निवेश के लिए सबसे अच्छा समय है।

बाजार में गिरावट की वजह ब्याज दरों में वृद्धि और विदेशी निवेशकों की बिकवाली है। निवेशकों की वापसी के बाद ही बाजार में तेजी आएगी। -एस नरेन, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल