राजीव कुमार, भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले आयोजित अधिवेशन में कहा कि खाद्य पदार्थों की महंगाई ने वैश्विक मानवीय संकट का रूप ले लिया है जो गहरी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें लाखों लोगों के अस्तित्व को खतरे में डाल रही हैं, जिससे गरीब और कमजोर देश और वहां रहने वाले असंतुलित बाजार के अधीन आते जा रहे हैं। ऐसे में डब्ल्यूटीओ में ऐसे नियम बनाए जाने चाहिए कि दुनिया में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए और डब्ल्यूटीओ को इस लक्ष्य में सहभागी होने की जरूरत है।
गोयल ने यह भी कहा कि यह शर्म की बात है कि कोरोना जैसी भीषण महामारी के दौरान डब्ल्यूटीओ की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और हम विकासशील और गरीब देशों के हितों की रक्षा नहीं कर पाए। गोयल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक खाद्य भंडारण (पब्लि्क स्टाक होल्डिंग, पीएसएच) के स्थायी समाधान की जरूरत है और आज के संदर्भ में यह सबसे महत्वपूर्ण विषय है। गोयल ने बताया कि अभी पीएसएच को लेकर अस्थायी समाधान है, जिसे डब्ल्यूटीओ के नियम के तहत स्थायी करने की जरूरत है। इसका लाभ यह होगा कि सभी देश सार्वजनिक खाद्य भंडारण कर सकेंगे, जिससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। विकसित देश बार-बार भारत के सार्वजनिक खाद्य भंडारण का भी विरोध करते रहते हैं।
किसी के दबाव में कोई समझौता नहीं करेंगे
गोयल ने बताया डब्ल्यूटीओ की बैठक में भारत किसी दबाव में आकर किसी समझौते के लिए राजी नहीं होगा। भारत के किसान और कारोबार के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वैक्सीन निर्माण के लिए पेटेंट में छूट के मामले में उन्होंने कहा कि अभी इस मसले पर जी-33 (विकासशील देशों का समूह) और अमेरिका के साथ और बातचीत की जा रही है ताकि गरीब व कमजोर देशों को भी आसानी से सस्ती वैक्सीन उपलब्धता का हल निकाला जा सके।
मछली पालन पर भी हो सकती है चर्चा
गोयल ने बताया कि डब्ल्यूटीओ की बैठक में मछली पालन (फिशरीज) के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है और मछली पालन भारत के लिए कृषि की तरह ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह भारत में लाखों लोगों की अजीविका का साधन है और खाद्य सुरक्षा का माध्यम भी। इसलिए भारत फिशरीज के मुद्दे पर भी भारतीय मछुआरों के हितों से कोई समझौता नहीं करने वाला है।
डब्ल्यूटीओ में आगे का रास्ता उतार-चढ़ाव से भरा
डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला ने कहा है कि सदस्यों के लिए आगे का रासता उतार-चढ़ाव से भरपूर रहने वाला है। उन्होंने कहा कि कारोबार की वजह से ही एक अरब लोग गरीबी से उबर पाए लेकिन गरीब देश और अमीर देशों के गरीब लोग इस राह में पिछड़ गए हैं।