सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा के फ्री बिजली देने के वादे पर दिया करारा जवाब

लखनऊ,  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दल एक दूसरे पर हमलावर हैं। हर दल अपनी प्रतिद्वंद्वी पर निशाना साधने और जनता को अपने पक्ष में लुभाने के लिए जतन कर रहा है। हाल के रुझानों से यूपी में जो बड़ी पार्टियों भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच मुकाबला लग रहा है। ऐसे में दोनों की तरफ से एक दूसरे पर जुबानी हमले जारी हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर अपने काम और समाजवादी पार्टी के कार्यकाल की स्थिति को दर्शाते कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और सत्य, नदी के दो किनारे हैं जो कभी एक नहीं हो सकते।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि ‘जो लोग फ्री में ‘बिजली’ देने की बात करते हैं, उन्होंने उत्तर प्रदेश को ‘अंधेरे’ में रखा था। उनके समय में तो अंधेरा ही अंधेरा था, बाकी जो था, वह दंगा-फसाद और कर्फ्यू पूरा कर देता था। जब बिजली ही नहीं देनी, तो ‘फ्री’ क्या देंगे?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि ‘वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनते ही हमने तीन काम किए। पहला अवैध बूचड़खाने बंद किए। दूसरा बेटियों की सुरक्षा हेतु एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया और तीसरा किसानों का कर्ज माफ किया। जब वर्ष 2012 में सपा सरकार बनी तो सबसे पहले श्री रामजन्मभूमि पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लिए गए।’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले कहा है कि ‘नए उत्तर प्रदेश’ की जनता पलायन नहीं, प्रगति चाहती है। ‘दंगा मुक्त प्रदेश सपा मुक्त प्रदेश’ जनता का संकल्प है। विकास व सुशासन से सामाजिक न्याय का पर्याय यह ‘नया उत्तर प्रदेश’ है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा है कि समाजवादी पार्टी ने विधान सभा चुनाव में जिन्हें टिकट दिया है, उनकी ही भूमिका प्रदेश को ‘दंगा प्रदेश’ बनाने में थी। प्रदेश की जागरूक जनता विपक्ष की मंशा कभी पूरी नहीं होने देगी।

सीएम योगी ने लिखा कि समाजवादी पार्टी प्रदेश को दंगे की आग में झोंककर यहां फिर से अराजकता का नया युग कायम करना चाहती है। अपराधियों को दिए गए विधानसभा के टिकट इनकी दंगाई मानसिकता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। दूसरे पोस्ट में लिखा कि जनता आगामी विधानसभा चुनाव में इन्हें फिर से सबक सिखाएगी। जिनका मूल चरित्र ही अलोकतांत्रिक, आपराधिक वंशवादी हो, उनके मुंह से लोकतंत्र और विकास की बात हास्यास्पद है। विधान सभा चुनाव प्रत्याशियों की सूची सपा के ‘दंगाई प्रेमी’ और ‘तमंचावादी’ होने की पुष्टि करती है।