सितंबर महीने का गोल्ड आउटफ्लो पिछले महीने आउटफ्लो से काफी अधिक

नई दिल्ली,  सितंबर के महीने में ETF यानी कि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में 446 करोड़ रुपये का निवेश देखा गया है। देश में त्योहारी सीजन की वजह से मजबूत मांग के कारण आने वाले महीनों में यह इनफ्लो जारी रह सकता है। सितंबर महीने का यह आउटफ्लो पिछले महीने दर्ज किए गए 24 करोड़ रुपये के नेट आउटफ्लो से काफी अधिक था। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई में इस श्रेणी में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी।

इसके साथ ही गोल्ड ईटीएफ कैटेगरी में अब तक 3,515 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है। हालिया इनफ्लो के कारण सितंबर में फोलियो की संख्या 14 फीसद बढ़कर 24.6 लाख तक पहुंच गई है, जो पिछले महीने में 21.46 लाख थी। इस साल अब तक फोलियो की संख्या में 56 फीसदी का इजाफा हुआ है। बाजार विशेषज्ञों ने सितंबर में पीली धातु की कीमतों में गिरावट और देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत के लिए आमद को जिम्मेदार ठहराया था।

एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने इस बारे में बताते हुए कहा कि, “गोल्ड ईटीएफ ने पिछले महीने काफी अच्छा इनफ्लो देखने को मिला था। इसके पीछे अस्थिर बाजार में, एक सुरक्षित साधन का साहरा लेना एक बड़ी वजह हो सकती है। इसके अलावा सोने की बढ़ती कीमतें भी इनफ्लो बढ़ने का एक प्रमुख कारण हो सकती हैं।”

मार्केट पल्स के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर अरशद फैहोम ने इस बारे में कहा कि, “वैश्विक बाजार में चल रही रैली संयोजित तरीके से 2021 में भारतीय इक्विटी को आगे बढ़ा रही है। अगर हम जुलाई से सितंबर के मध्य तक की अवधि को देखें, तो भारतीय इक्विटी में जोरदार तेजी आई है, जिसका मतलब हो सकता है कि निवेशक इक्विटी आधारित और डेट फंड का चयन कर रहे हों।”

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि, “इस साल जून से सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। आर्थिक मंदी के दौरान जब इक्विटी बाजार अस्थिर दौर से गुजरते हैं तो सोने को निवेश का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। हालांकि, इक्विटी बाजारों में तेजी और आर्थिक सुधार की उम्मीद ने हाल के दिनों में सोने के लिए अच्छा संकेत नहीं दिया है। इसके अलावा, डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में उछाल ने सोने की कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।”