शिकायतों का निवारण करते वक्त संवेदनशील रहें लोकपाल

ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करते वक्त लोकपाल संवेदनशील रहें। आरबीआई लोकपाल और विनियमित संस्थाओं (आरई) को पहले ग्राहकों की लगातार शिकायतों के मूल कारणों की पहचान करनी चाहिए। फिर ठीक करने के लिए आवश्यक प्रणालीगत उपाय करने चाहिए। इसके अलावा आरई और आरबीआई लोकपाल को ग्राहकों की शिकायतों का समाधान करते वक्त निष्पक्ष और त्वरित होना चाहिए।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में जोधपुर में आयोजित आरबीआई लोकपाल के वार्षिक सम्मेलन में यह अपील की।  दास के मुताबिक गलत बिक्री, मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता की कमी, बिना मतलब सेवा शुल्क, बहुत ज्यादा फाइन आदि की शिकायतें लगातार आ रही हैं। एक चिंता ये भी थी कि बड़ी संख्या में शिकायतें पारंपरिक बैंकिंग को लेकर थीं।

ऐसे में विनियमित संस्थाओं में ग्राहक सेवा और शिकायत निवारण तंत्र के कामकाज की गंभीर समीक्षा की आवश्यकता है। गवर्नर ने कहा कि ऐसी शिकायतों के बने रहने के मूल कारण का विश्लेषण करने और आवश्यक सुधारात्मक उपाय किए जाने की जरूरत है। एजेंसी

6 साल में पहली बार आरबीआई बताएगा क्यों कम नहीं हो रही महंगाई
6 साल पहले मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का गठन होने के बाद पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लगातार 9 महीनों तक महंगाई दर को तय दायरे में नहीं रख पाने पर एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगा। साल 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के एक व्यवस्थित ढांचे के रूप में एमपीसी का गठन किया गया था। उसके बाद से यही नीतिगत ब्याज दरों के बारे में निर्णय लेती है।

nआरबीआई अधिनियम की धारा 45जेडएन में प्रावधान है कि लगातार तीन तिमाहियों यानी लगातार 9 महीनों तक महंगाई दर के निर्धारित स्तर से ऊपर रहने पर केंद्रीय बैंक को अपनी नाकामी के बारे में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपनी होगी। महंगाई के मौजूदा स्तर को देखते हुए आरबीआई ने 3 नवंबर को एमपीसी की विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट को तैयार किया जाएगा। इस साल जनवरी से ही महंगाई दर लगातार 6% से ऊपर बनी हुई है।