ऑनलाइन गेम में जीती राशि पर लगेगा टैक्स

गेमिंग उद्योग में हो रही कर चोरी को रोकने के आयकर विभाग के प्रयासों के बीच ऑनलाइन गेम के विजेताओं को अब बिना किसी छूट के ब्याज के साथ कुल 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। इसके साथ ही उन्हें टैक्स और ब्याज पर अतिरिक्त 25-30 फीसदी रकम का भुगतान करना होगा। ऑनलाइन गेम के विजेता अगर निर्धारित समय तक टैक्स नहीं चुकाते हैं तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने एक साक्षात्कार में कहा कि गेमिंग उद्योग में हो रही टैक्स चोरी पर आयकर विभाग की नजर है। किसी भी तरह की कार्रवाई से बचने के लिए ऑनलाइन गेम के विजेता अपडेटेड आयकर रिटर्न (आईटीआर-यू) दाखिल करने के साथ अपनी आय का खुलासा करें व लागू टैक्स का भुगतान करें।

सामान्य रूप से आईटीआर-यू भरने की अंतिम तिथि संबंधित आकलन वर्ष के खत्म होने के 24 महीने बाद होती है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आईटीआर-यू भरने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2024 है। उन्होंने कहा, विभिन्न गेमिंग पोर्टल के खेलों के विजेताओं को आईटीआर-यू का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें जुर्माने से बचने के लिए आगे आने और टैक्स चुकाने का प्रावधान है।

नए टीडीएस प्रावधान पर स्पष्टीकरण जल्द
सीबीडीटी विभिन्न पक्षों और खासकर बैंकों के लिए नए टीडीएस प्रावधानों के लागू होने की प्रक्रियाओं पर जल्द स्पष्टीकरण जारी करेगा। ये टीडीएस प्रावधान किसी व्यवसाय या पेशे में मिले लाभ या पूर्व शर्तों से जुड़े हैं। गुप्ता ने कहा कि बोर्ड इस विषय पर एक आधिकारिक परिपत्र जारी करेगा। इसमें एकमुश्त निपटान (ओटीएस) जैसे मुद्दे शामिल हैं, जिनका सामना बैंक कर रहे हैं।

इनके लिए फायदेमंद है आईटीआर-यू
2022 के बजट में पेश होने के बाद से एक लाख आईटीआर-यू भरे जा चुके हैं। इससे 28 करोड़ रुपये का टैक्स मिला है।

 

  • गेमिंग, सट्टेबाजी, लॉटरी से मिले पैसे पर जाने या अनजाने में टैक्स नहीं चुकाने वालों के लिए यह फायदेमंद है।

गेमिंग पोर्टल ने बांट दिए 58,000 करोड़
एक गेमिंग पोर्टल ने तीन साल के दौरान जीती राशि के रूप में 58,000 करोड़ बांट दिए। उसके 80 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं।

  • सीबीडीटी ने 15 फरवरी को गेमिंग उद्योग से जुड़े एक कारोबारी समूह के 29 परिसरों पर छापेमारी की थी।

नए क्षेत्रों तक आयकर विभाग की बढ़ी पहुंच
सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा, कर चोरी पर लगाम कसने के लिए आयकर विभाग की पहुंच अर्थव्यवस्था के नए क्षेत्रों तक बढ़ी है। हम खुद को सिर्फ रियल एस्टेट या डेवलपरों तक ही सीमित नहीं रख रहे हैं। अब हम अर्थव्यवस्था के नए इलाकों और क्षेत्रों तक दस्तक दे रहे हैं। इनमें परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियां, गेमिंग और सट्टेबाजी से जुड़ी गतिविधियां भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, भारतीय नागरिकों की विदेशी संपत्तियों के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।

  • हमें पनामा, 2019 तक पैराडाइज और पैंडोरा पेपर्स के जरिये तमाम सूचनाएं मिली हैं। इन्हें सीआरएस और एफएटीसीए के साथ जोड़कर हम आधार व्यापक बना रहे हैं। आयकर विभाग जांच कर रहा है।