दवा की दुकान शुरू करने का बेहतरीन मौका

नई दिल्‍ली, दवा की दुकान (PM Jan Aushadhi kendra) खोलना चाहते हैं तो आपके लिए मोदी सरकार अच्‍छी योजना लेकर आई है। सरकार देशभर में मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने की योजना बना रही है। देश में 10 अक्टूबर, 2021 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 8,366 हो गई है। ये केंद्र देश के 736 जिलों में फैले हैं। इसके जरिए आप अपना PM Jan Aushadhi kendra शुरू कर सकते हैं। इसमें कमाई का भी अच्‍छा फॉर्मूला है और इनवेस्‍टमेंट भी कम है।

Jan Aushadhi Kendra कैसे खुलेगा

Jan Aushadhi Kendra पर जो दवाएं बिकती हैं वे बाजार में मिलने वाली दूसरी दवाओं से 90 फीसद तक सस्ती होती हैं। क्योंकि ये दवाएं Generic हैं। सरकार ने जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए जन औषधि केंद्र खोले हैं। इससे लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही हैं। रसायन और उर्वरक मंत्रालय की मानें तो जन औषधि केंद्रों के जरिए लोगों को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवा मिल रही हैं। PM नरेंद्र मोदी भी यही चाहते हैं।

कहां से मिलेगा लाइसेंस

जन औषधि केन्द्र के लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम से लेना होता है। janaushadhi.gov.in/ online_registration.aspx से Form डाउनलोड कर सकते हैं। Covid-19 महामारी जैसी विशेष स्थिति में जन औषधि केंद्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए देशभर में 8,366 जन औषधि केंद्र दिन-रात काम कर रहे हैं।

कितना इनवेस्‍टमेंट

कई केंद्रों ने सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं बेचने के अलावा, लॉकडाउन में जरूरतमंद लोगों को राशन किट, पका भोजन, मुफ्त दवाएं आदि देने का काम किया है। Jan Aushadhi kendra को शुरू करने में 2.50 लाख रुपए खर्च आता है। यह खर्चा भी सरकार वहन करती है। वह रीइम्‍बर्समेंट या इंसेटिव के जरिए दुकानदार को पूरी रकम वापस करती है।

कितना कमीशन मिलता है

अगर आप कोई दवा बेचते हैं तो उस पर 20 फीसद तक कमीशन मिलता है। वहीं हर महीने 15 फीसद इंसेंटिव भी आता है। हालांकि इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 10,000 रुपए महीना तय है। नॉर्थ ईस्ट राज्यों में इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए प्रति माह तक है। यह इंसेंटिव तब तक मिलेगा, जब तक कि 2.5 लाख रुपए पूरे न हो जाएं।

431.65 करोड़ रुपये की दवाओं की बिक्री

रसायन एवं उवर्रक मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है। इन केंद्रों पर 1,451 दवाएं और 240 सर्जिकल उत्पाद शामिल हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत उपलब्ध दवाओं की कीमत ब्रांडेड औषधियों के मुकाबले 50 से 90 प्रतिशत कम होती हैं। मंत्रालय ने कहा कि चालू कारोबारी साल में 10 अक्टूबर, 2021 तक बीपीपीआई (ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया) ने 431.65 करोड़ रुपये की दवाओं की बिक्री की है। इससे देश के नागरिकों को 2,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है।